किताबे की- बड़ी लाइबेरी

  • (1)मुझे नही पता में क्या कर रहा हु। पर यकीन है ये कुछ नही करने से अच्छा ही होगा। कूछ नया मिलता है तो मेरे कुछ बुद्धिशाली दोस्त को में शेर करता हु। आज पेश है एक नोबेल नोवेल। आपने एल्केमिस्टके बारेमें सुना होगा। सफीन हसनने बताया था की 'मेने एक
    फ़िल्म के डायलॉग को बिस्वासके रूपमे अपनाया था वो था ,अगर आप किसी चीजको पूरी सिद्दतसे चाहो तो पूरी कायनात उसे आपको दिलाने के लिए लग जाति है।" ये बातसे साबित हो जाता है की आईपीएस बनके लिए किताबोसे ज्यादा फिल्मे महत्वपूर्ण है। ये मजाक है। पर सचमे ये आइडिया ऐसीं नोवेलमे मुख्य तौर पर है। नोवेलके मुख्य नायक इसी विस्वास के साथ चलता है। ये एक अध्यात्म कक्षाकी उच्चतम नावेल है। बेस्ट सेलर बुक होने के बावुजूदये साठसे अधिक भाषाओंमें अनिवादित है। ये नोवेल लिखनेमे पोलो कोएओ को कुछ ही दिन लगेंथे पर मुझे पठनेमे तीन दिन लगे। में आभारी हु विष्णुप्रशाद साहबजीका जिन्होंने ये किताब मुजे वोट्सप के जरिए भेजी। आपको रुचि है तो निचे दी गई लिंक के जरिए प्राप्त कर सकते है। साथमे कहूंगा अगर आपकी कोई पसन्दीदा बुक है तो मुजे गुज़ारिश करियेगा ।
  • Gujarati Me novel here

(2)पेश है एक नई किताब, हालांकि ये पुरानी है। जुले वर्नकी साहसिक कहानिया हम बचपनके दिनोमें पढ़ा करते थे। पहली बार मेने मेरी प्राथमिक स्कूलमें जुले वर्नकी किताब 'एससी दिनोंमें पृथ्वी परिक्रमा' नामकी किताब पढ़ी। एक इस दौर आया जब में पुस्तकें पर चिड़ा। मेरे पागलपनको समजाया एक दोस्तने ,कहा ; 'पुस्तके कभी धोखा नही देती' ओर बादमे पुस्तक पढ़ना फिरसे शरू किया।

खेर, आप अभी पढ़ना चाहै तो पेश है जुले वर्नकी लिखी हुई कहानी, 'साहसिकों की सृष्टि' । हमे गर्व होना चाहिए मूलशंकरभाई भट्ट साहब पर जिन्होंने बहोत ही बहेतर तरीकेसे तर्जुमा किया।


(3)दिनमे आने वाले स्वप्नको हम दिवास्वप्न कहते है। गीजुभाई बधेका की ये प्रयोगशील कृति शिक्षण जगतकी सर्वोत्तम कृति है। मेरे स्कूल के अनुभव बिल्कुल लक्ष्मीशंकर मास्टरकी तरह रहा फिरभी एक किस्सा आपको कहता हु, मुजे बादमें एक नेक बुजर्गने बताया की आपके ऊपर गांव वालो कि राय है की; 'ये लड़का बहोत खतरनाक है ! उसे स्कूलमे रखना भारी पड़ सकता है।' वैसे मेरे नाम पर कोई कांड नही है पर ये बात दर्शाता है की शिक्षक पर समाजका कितना भरोसा है या यू कहे की शिक्षकने समाजका भरोसा कितना तोड़ा है। खेर, आजकल  शिक्षणभी शराब के अड्डे जैसा बना दिया गया है। में शिक्षणके बारेमे अवश्य लिखुगा पर आज आप ये किताब पढ़ सकते हे।



  • काफी चर्चाए एडिट कर इसी मोड़ पर होगी । लोकड़ाऊंमें  सबको एक जैसी जिदगी जिनेकी बेबसी हो गई है शायद ऐसा करँगेतो हम अपने समय ओर अपने आपकी मृत्यु करेंगे। फायदेंमें होगा अगर हम कितबोकी दुनियामे सफर करे।

  •  आपका धन्यवाद।

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